UID 🇮🇳 Uttam India development
JAC board pariksha 10th class Hindi medium
![]() |
Uttam Bediya founder of UID & New life technology |
1.जैव प्रक्रम
1. प्रोटीन के यौगिकों के संश्लेषण के लिए कौन-सा तत्त्व अनिवार्य है?
[JAC 2017(A)]
उत्तर : पेप्सिन।
2. लार में पाये जाने वाले इंजाइम का नाम लिखिए।
[JAC 2019 (A)]
उत्तर : टायलीन एवं एमाइलेज।
3. जीवन के लिए कौन-से प्रक्रम अनिवार्य हैं? [JAC 2020 (A)
उत्तर : जैव प्रक्रम।
4. स्वपोषण करनेवाले जीव का नाम बताएँ।
उत्तर : हरे पौधे।
5. मेंढक में किस प्रकार का पोषण होता है?
उत्तर : प्राणिसम पोषण।
6. कवक में किस प्रकार का पोषण होता है?
उत्तर : परपोषण।
7. अमीबा किस अंग की मदद से अपना भोजन ग्रहण करता है?
उत्तर : कूटपादों द्वारा।
8. मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि का नाम लिखें।
उत्तर : यकृत।
9. हरितलवक के किस भाग में प्रकाशसंश्लेषण की क्रिया होती है?
उत्तर : ग्राना में
10. हरे पौधों में किस घटक के अभाव में प्रकाशसंशलेषण-क्रिया संभव नहीं है?
उत्तर : सूर्य-प्रकाश के अभाव में
11. ATP का पूरा नाम बताएँ।
उत्तर : एडिनोसीन ट्राइफॉस्फेट।
12. किण्वन-क्रिया किस जीव में होती है?
उत्तर : यीस्ट में।
13. किण्वन किस प्रकार का श्वसन है?
उत्तर : अवायवीय श्वसन।
14. श्वसन किस प्रकार की रासायनिक अभिक्रिया है?
उत्तर : क्रमिक ऑक्सीकर विघटन अभिक्रिया है।
15. मानव शरीर में फेफड़ा कहाँ अवस्थित होता है?
उत्तर : वक्षगुहा में हृदय के दोनों ओर की प्लूरल गुहाओं में।
16. किन्हीं दो रेप्टीलिया के नाम लिखें।
उत्तर : साँप तथा कछुआ।
17. श्वसन का मध्यवर्ती पदार्थ क्या है?
उत्तर : पायरुवेट।
18. दो संवहक ऊतक के नाम बताएँ।
उत्तर : जाइलम तथा फ्लोएम
19. उच्च संगठित पादप में संवहन तंत्र के घटक क्या हैं?
उत्तर : उच्च संगठित पादप में संवहन तंत्र के घटक जाइलम तथा फ्लोएम हैं।
20. रक्त का रंग लाल क्यों होता है?
उत्तर : हीमोग्लोबिन नामक प्रोटीन वर्णक की उपस्थिति के कारण।
21. रक्त परिवहन के एक चक्र को क्या कहते हैं?
उत्तर : हद्-चक्र (cardiac cycle)।
22. हृदय-वेश्मों का संकुचन क्या कहलाता है ?
उत्तर : सिस्टोल (systole)।
23. पादप में जल और खनिज लवण का वहन कैसे होता है?
उत्तर : पादप में जल और खनिज लवण का वहन जाइलम द्वारा होता है।
24. रक्तदाब किसके द्वारा नियंत्रित होता है?
उत्तर : रक्तदाब हृदय के निलयों के संकुचन तथा शिथिलन द्वारा नियंत्रित होता है।
25. मानव-हृदय में कितने वेश्म होते हैं?
उत्तर : चार वेश्म (दो अलिंद एवं दो निलय)।
26. मानव-हृदय में पेसमेकर कहाँ अवस्थित होता है?
उत्तर : दाएँ अलिंद की दीवार में
27. रक्त किस प्रकार का ऊतक है?
उत्तर : तरल संयोजी ऊतक।
28. लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण शरीर में कहाँ होता है?
उत्तर : अस्थि-मज्जा में।
29. शरीर की सबसे बड़ी धमनी का नाम बताएँ।
उत्तर : महाधमनी।
30. मानव में हृदयाघात का एक मुख्य कारण कौन है?
उत्तर : हाइपरटेंशन
31. रक्त का pH मान बताएँ।
उत्तर : रक्त का pH मान 7.4 होता है।
32. पौधों में फ्लोएम द्वारा खाद्य पदार्थों का संवहन किस रूप में होता है?
उत्तर : सूक्रोस (sucrose) के रूप में।
33. मनुष्य में वृक्क की संख्या कितनी होती है।
उत्तर : दो।
34. मनुष्य में वृक्क का आकार कैसा होता है?
उत्तर : सेम के बीज के समान।
35. वृक्क की रचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई क्या है?
उत्तर : नेफ्रॉन।
36. टैनिन वृक्षों में कहाँ संचित रहता है?
उत्तर : वृक्षों की छाल (bark) में।
37. यूरिया का निर्माण कहाँ होता है?
उत्तर : यकृत-कोशिकाओं की माइटोकॉण्ड्यिा में।
38. बवूल एवं चीड़ के उत्सर्जी पदार्थ के नाम बताएँ।
उत्तर : गोंद एवं रेजिन।
39. रक्त से यूरिया का फिल्ट्रेशन कहाँ होता है?
उत्तर : नेफ्रॉन के मैलपीगियन कोष में।
40. 'हेनले का चाप' नामक रचना कहाँ पाई जाती है?
उत्तर : नेफ्रॉन में।
41. मूत्र का रंग पीला क्यों होता है?
उत्तर : यूरोक्रोम वर्णक के कारण।
42. प्रोटीन-उपापचय का प्रमुख उपोत्पाद क्या है?
उत्तर : यूरिया।
43. नेफ्रॉन के आरंभ में पाई जानेवाली प्याले-जैसी रचना को क्या कहते हैं?
उत्तर : बोमैन-संपुट।
3 अंक स्तरीय प्रश्न
2. प्रकाश-संश्लेषण के लिए किन-किन पदार्थों की आवश्यकता होती है?
उत्तर : (i) क्लोरोफिल : इसकी सहायता से हरे पादप सौर ऊर्जा, जल,कार्बन डाइऑक्साइड एवं खनिजों जैसे कच्चे पदार्थों से खाद्य संश्लेषण कर सकते है।
(ii) सूर्य का प्रकाश : यह ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है जिसे स्वपोषी ग्लूकोज के रूप में संचित ऊर्जा में बदल देते हैं।
(iii) कार्वन डाइऑक्साइड : यह प्रकाश संश्लेषण के अंतर्गत ग्लूकोज के निर्माण का एक प्रमुख घटक है।
(iv) जल : यह भी प्रकाश संश्लेषण अभिक्रिया का महत्वपूर्ण घटक है।स्वपोषी पोषण अथवा प्रकाश संश्लेषण के उपोत्पाद है-ऑक्सीजन तथा ग्लूकोज।
3. प्रकाश संश्लेषण के लिए कच्ची सामग्री पौधा कहाँ से प्राप्त करता है?
उत्तर : प्रकाशसंश्लेषण के लिए पौधे वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) एवं जमीन से जड़ द्वारा अवशोषित जल कच्ची सामग्री के रूप में प्राप्त कर सूर्य-प्रकाश की उपस्थिति में प्रकाशसंश्लेषण की क्रिया संपन्न करते हैं।
4. चित्र का अवलोकन कीजिए और इसपर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए―
(a) चित्र क्या दर्शाता है?
(b) (1), (2) और (3) के नाम लिखिए।
(c) (2) का क्या कार्य है?
उत्तर : (a) खुला रंध्र
(b) (1) द्वार कोशिकाएँ (2) रंध छिद्र (3) हरित लवक
(c) प्रकाश संश्लेषण के लिए गैसों का आदान-प्रदान र छिद्रों द्वारा होता है।
5. पाचक एंजाइमों के कार्यों का उल्लेख करें।
उत्तर : एंजाइम जैव-उत्प्रेरक है। ये उत्प्रेरक क्रिया द्वारा भोजन के जटिल अवययों को सरल भागों में खंडित कर देते हैं जिससे वे घुलनशील हो जाते हैं और शरीर में उनका अवशोषण हो जाता है।एंजाइम कार्बोहाइड्रेट, वसा तथा प्रोटीन के पाचन में सहायता करते है।
(i) लाइपेज नामक एंजाइम वसा को वसीय अम्ल तथा ग्लिसरॉल में बदल देता है।
(ii) पित्तरस भोजन के माध्यम को क्षारीय बनाता है, वसा को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ता है तथा उनका इमल्सीकरण करता है।
(iii) अग्नाशय रस इमल्सन बने वसा को वसा अम्ल और ग्लिसरॉल में बदल देता है।
(iv) एमाइलेज भोजन में उपस्थित कार्बोहाइड्रेट को माल्टोस में बदल देता है।
6. हमारे आमाशय में अम्ल की क्या भूमिका है?
उत्तर : (i) आमाशय में पाये जाने वाले इन्जाइम भोजन का पाचन अम्लीय माध्यम में करते हैं। आमाशय में अम्ल भोजन को अम्लीय बनाता है ताकि जठर रस में पाये जाने वाले इंजाइम उसे पचा सके।
(ii) भोजन के साथ बहुत-से रोगाणु भी आ सकते है जो अम्ल के प्रभाव में मर जाते हैं।
7. पचे हुए भोजन को अवशोषित करने के लिए शुद्रांत्र को कैसे अभिकल्पित किया गया है?
उत्तर : क्षुद्रांत्र की आन्तरिक भित्ति पर असंख्य रसांकुर पाये जाते है। इनमें रक्त वाहिकाओं एवं लिम्फ वाहिनी का जाल बिछा होता है। विसरण क्रिया द्वारा भोजन का प्रोटीन, ग्लूकोज, खनिज, विटामिन इत्यादि रक्त में सोख लिये जाते हैं। वसीय अम्लों एवं ग्लिसरॉल का अवशोषण लिम्फ वाहिनी में होता है।उपर्युक्त के अतिरिक्त क्षुद्रांत्र की संकुचन और अनुशिथिलन की गति भी भोजन के अवशोषण में एक सीमा तक अवश्य सहायक होती है।
8. हमारे शरीर में वसा का पाचन कैसे होता है? यह प्रक्रम कहाँ होता है?
उत्तर : उदर से प्राप्त अम्लीय और अधपची वसा का पाचन क्षुद्रांत्र में होता है। यह भाग यकृत से पित्त रस प्राप्त करता है। इसे अग्न्याशयी रस से लाइपेज प्राप्त हो जाता है। अग्न्याशयिक एंजाइमों की क्रिया के लिए पित्त रस इसे क्षारीय बनाता है। क्षुद्रांत्र में वसा बड़ी गोलिकाओं के रूप में होता है जिस कारण उस पर एंजाइम का कार्य कठिन हो जाता है। पित्त लवण उन्हें छोटी-छोटी गोलिकाओं में खंडित कर देता है जिससे एंजाइम की क्रियाशीलता बढ़ जाती है। अग्न्याशय से प्राप्त होनेवाले अग्नाशयिक रस में इमल्सीकृत वसा करने के लिए लाइपेज़ एंजाइम होता है। क्षुद्रांत्र की भित्ति में ग्रंथि होती है जो आँत रस स्रावित करती है जो वसा को वसा अम्ल तथा ग्लिसरॉल में बदल देती है।
9. मनुष्य में कार्बोहाइड्रेट का पाचन किस प्रकार होता है?
उत्तर : (i) लार ग्रंथियों से निकालने वाले टॉयलिन एंजाइम कार्बोहाइड्रेट को माल्टोस में बदल देता है।
(ii) अग्नाशय से पक्वाशय में जाने वाले माल्टोस को ग्लूकोज में बदल देता है।
(iii) छोटी आँत में उपस्थित एंजाइम सक्कस इन्टेरिकस, शेष बचे कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज में बदल देता है।
10. मनुष्य के पाचन तंत्र में प्रोटीन का पाचन किस प्रकार होता है?
उत्तर : (i) जठर रस में पाया जाने वाला एंजाइम पेप्सिन अघुलनशील प्रोटीन को पेप्टोन में बदल देता है।
(ii) पक्वाशय में अग्नाशय से अग्नाशयिक रस भोजन में मिलता है। इसमें उपस्थित ट्रिप्सीन पेप्टोन तथा प्रोटोज को पेप्टाइड में बदलता है।
(iii) छोटी आँत में दूरस्त हिस्से में इलियम से आंत्र रस सावित होता है जिसमें उपस्थित इरिप्सिन, पेप्टोन तथा पेप्टाइड को अमीनो अम्ल में बदल देता है। सरलीकृत अमीनो अम्ल छोटी आंत की लम्बी नली की दीवारों द्वारा अवशोषित होकर रक्त में सम्मिलित हो जाता है।
11. मनुष्यों में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन कैसे होता है?
उत्तर : जब हम श्वास अंदर लेते हैं तब हमारी पसलियाँ ऊपर उठती हैं और डायाफ्राम चपटा हो जाता है। इस कारण वक्षगुहिका बड़ी हो जाती है और वायु फुफ्फुस के भीतर चली जाती है। वह विस्तृत कृपिकाओं में छोड़ने के लिए लाता है।कूपिका रुधिर वाहिका का रुधिर कूपिका वायु से ऑक्सीजन लेकर शरीर की सभी कोशिकाओं तक पहुंचाता है। श्वास चक्र के समय जब वायु अंदर और बाहर होती है तब फुफ्फुस वायु का अवशिष्ट आयतन रखते हैं। इससे ऑक्सीजन के अवशोषण और कार्बन डाइऑक्साइड के मोचन के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है।
12. गैसों के विनिमय के लिए मानव फुफ्फुस में अधिकतम क्षेत्रफल को कैसे अभिकल्पित किया जाता है?
उत्तर : मानव फुफ्फुस में अनगिनत कुपिकाएँ होती हैं। यदि इनके सम्मिलित क्षेत्रफल का आकलन करें तो वह लगभग 80 वर्गमीटर के बराबर होगा। अत: इन कुपिकाओं की ही अभिकल्पना है कि हमारे फुफ्फुस (फेफड़ों) का क्षेत्रफल अधिकतम हो जाता है।
13. जलीय जंतुओं में स्थलीय जंतुओं की अपेक्षा श्वसन दर अधिक तेज क्यों होती है?
उत्तर : वायु में ऑक्सीजन की मात्रा जल में घुलित ऑक्सीजन की मात्रा से अधिक होती है। अत: ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए जलीय जन्तुओं को तेज दर से साँस लेना पड़ता है। वायु में पर्याप्त ऑक्सीजन होने के कारण स्थलीय जन्तुओं को तेजी से साँस लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
17. मनुष्य में दोहरा परिसंचरण की व्याख्या कीजिए।
उत्तर : मनुष्य में रक्त को हृदय से होकर दो बार गुजरना पड़ता है। इसे दोहरा परिसंचरण कहते हैं।
व्याख्या : शिराओं द्वारा शरीर के विभिन्न भागों से अशुद्ध रक्त हृदय में लाया जाता है। हृदय उसे शुद्ध होने के लिए अलग मार्ग से फुफ्फुस में भेज देता है जहाँ कार्बन डाइऑक्साइड बाहर विसरित हो जाती है और ऑक्सीजन रक्त में आ जाती है। इस प्रकार ऑक्सीजनयुक्त रक्त पुनः हृदय में आता है जिसे शरीर के अंगों में पहुँचाने के लिए पम्प कर दिया जाता है।
20. फुफ्फुस में कुपिकाओं की तथा वृक्क में वृक्काणु की रचना तथा क्रियाविधि की तुलना कीजिए।
उत्तर : फुफ्फुस में कुपिकायें ऑक्सीजन के अवशोषण का सतही क्षेत्रफल बढ़ा देती हैं। वृक्काणु में भी बोमैन सम्पुट में स्थित केशिका गुच्छ भी रक्त के छनन हेतु क्षेत्रफल को बढ़ाता है। यद्यपि कुपिकाएँ तथा बोमैन सम्पुट दोनों कप जैसी रचनाएँ है तथापि कुपिकाओं में ऑक्सीजन का अवशोषण एवं कार्बनडाइऑक्साइड का विसर्जन दोनों होता है परन्तु केशिकागुच्छ या ग्लोमेरुलस में केवल उत्सर्जी पदार्थों का विसर्जन होता है। बोमैन सम्पुट में उच्च रक्तचाप के कारण छान दिये गये उपयोगी पदार्थों का अवशोषण वृक्काणु के हेनेल्स लूप तथा नलिकाकार भाग में होता है। कुपिकाओं में पुनरावशोषण नहीं होता है।
21. मानव में वहन तंत्र के घटक कौन-से हैं? इन घटकों के क्या कार्य हैं?
उत्तर : मानव में वहन तंत्र के घटक और उनके कार्य निम्नांकित हैं―
(i) हृदय : रुधिर को एक पम्प की तरह शरीर के विभिन्न भागों में भेजना, अशुद्ध रक्त को शुद्ध होने के लिए फेफड़ों और गुर्दों में भेजना शुद्ध रुधिर को शरीर के विभिन्न भागों में भेजना।
(ii) धमनियाँ : शुद्ध रुधिर को हृदय से दूर शरीर के अंगों में भेजना।
(iii) शिराएँ : अशुद्ध या विऑक्सीजनित रक्त को हृदय तक लाना।
(iv) केशिकाएँ : रक्त को शरीर के संकीर्ण भागों एवं त्वचा में भेजना।
(v) विम्बाणु या प्लेटलेट्स : रुधिर का थक्का बनने में सहायता करना एवं अनुरक्षण।
22. रक्त क्या है? रक्त के दो कार्य लिखिए। [JAC 2019(A)]
उत्तर : रक्त एक तरल संयोजी ऊतक होता है जिसका रंग एक विश प्रकार की प्रोटीन हीमोग्लोबिन के कारण लाल होता है।
रक्त के दो कार्य―(i) यह ऑक्सीजन का परिवहन करता है जिसके फलस्वरूप शरीर की सभी कोशिकाओं को श्वसन क्रिया हेतु ऑक्सीजन मिलती है और ऊर्जा का उत्पादन होता है। (ii) यह श्वसन के समय बनने वाली कार्बन डाइऑक्साइड को वापस फेफड़ों तक लाता है जिसके कारण शरीर को उससे मुक्ति मिल जाती है।
23. मानव हृदय के चार कोष्ठों के होने से क्या लाभ हैं?
उत्तर : स्तनधारियों एवं पक्षियों को अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है।इसके लिए यह जरूरी है कि ऑक्सीजन की उचित मात्रा कोशिकाओं को नियमित रूप से मिलती रहे ताकि भोजन का पूर्ण रूप से ऑक्सीकरण हो सके तथा अधिकतम ऊर्जा उत्पन्न हो सके। अगर ऑक्सीजनित तथा विआक्सीजनित रुधिर मिश्रित होंगे तो संपूर्ण प्रक्रिया अत्यंत धीमी हो जाएगी।
अतः शरीर के सभी हिस्सों को आवश्यक मात्रा में शुद्ध ऑक्सीजन की त्वरित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ऑक्सीजनित तथा विआक्सीजनित रुधिर को अलग करना आवश्यक है। इसलिए मानव हृदय में चार प्रकोष्ठ होते हैं।
24. हृदय के निलय की दीवार अधिक मांसल और मोटी होती है परंतु अलिन्दों की नहीं। क्यों?
उत्तर : निलय द्वारा शरीर के सुदूर भागों में ऑक्सीजनयुक्त रक्त भेजना पड़ता है, और पुनः अशुद्ध रक्त जमा करना होता है। इस कारण से निलय की माँसपेशियों को अधिक शक्ति की आवश्यकता होती है। अतः उनकी दीवार अधिक मांसल और मोटी होती हैं। जबकि आलिन्दों में फेफड़े से रक्त अता है जो हृदय के निकट की स्थित होता है। फिर वह रक्त वाल्व से होकर निलय में चला जाता है। अतः उसकी मांसपेशियों को अधिक शक्ति की आवश्यकता नहीं होती है।
25. शरीर में रक्त को पहुँचाने के लिए हमारे शरीर को हृदय जैसे पंप की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
उत्तर : रक्त या रुधिर में तरल माध्यम होता है जिसे प्लाज्मा कहते हैं। इसी में रक्त कोशिकाएँ डूबी हुई रहती है। प्लाज्मा घुलित अवस्था में पोषक पदार्थों,कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन के उत्सर्जी पदार्थों का परिवहन करती है।लाल रक्त कोशिकाएँ ऑक्सीजन का परिवहन करती है। रक्त बहुत से अन्य पदार्थों जैसे लवणों का भी परिवहन करता है। यही कारण है कि रक्त को पूरे शरीर में भेजने के लिए हृदय जैसे पंप की आवश्यकता होती है।
26. पादपों में भोजन का वहन या स्थानांतरण कैसे होता है?
उत्तर : पौधों में भोजन का वहन पत्तियों से प्रारंभ होकर फ्लोएम वाहिनियों द्वारा पूरे पादप शरीर में होता है। फ्लोएम वाहिनियों की चालनी नलिका में चालनी पट्ट से होकर भोजन का प्रवाह उच्च सान्द्रण से निम्न सान्द्रण की ओर होता है।
27. पौधों में निम्नलिखित पदार्थों का परिवहन किस प्रकार होता है?
(i) जल (ii) खनिज (iii) भोजन
उत्तर: (i) जल ― जाइलम द्वारा
(ii) खनिज ― जाइलम द्वारा
(iii) भोजन ― फ्लोएम द्वारा
28. इनमें से कौन किसका वहन करता है?
(i) जाइलम (ii) फ्लोएम (iii) फुफ्फुस शिराएँ (iv) महाशिरा
उत्तर : (i) जाइलम जल तथा खनिज का वहन करता है।
(ii) फ्लोएम शर्करा का वहन करता है।
(iii) फुफ्फुसीय शिराएँ ऑक्सीजन रुधिर का वहन करती है।
(iv) महाशिरा विआक्सीजनित रुधिर का वहन करती है।
29. पादप में जल और खनिज लवण का वहन कैसे होता है?
उत्तर : पादप में जल और खनिज लवण का वहन जाइलम वाहिनियों द्वारा होता है। परासरण के नियमानुसार मृदा के कणों के बीच उपस्थित खनिजों का जलीय घोल जड़ों के मूलरोमों में प्रवेश करता है और इसी प्रकार उच्च सान्द्रण निम्न सान्द्रण की ओर बढ़ता हुआ जाइलम वाहिनियों में पहुँच जाता है। वाष्पोत्सर्जन के कारण उत्पन्न खिंचाव, परासरण दाब एवं कोशिका दाब के प्रभाव में जलीय घोल पौधे के शीर्ष भाग तक पहुंच जाता है। इसे रसारोहण (Ascent of sap) भी कहते हैं।
30. किन परिस्थितियों में पौधों में समुचित परिवहन तंत्र की उपस्थिति आवश्यक हो जाती है? [JAC 2017(A)]
उत्तर : पौधों के लिए आवश्यक पोषक पदार्थ मिट्टी में पाये जाते हैं परंतु भोजन का संश्लेषण पत्तियों में होता है जो जड़ से दूर होती है। अतः जड़ों द्वारा अवशोषित होने के बाद ये पोषक पदार्थ विसरण द्वारा पत्तियों तक नहीं पहुँच सकते हैं। इसी प्रकार किसी वृक्ष में भोजन भी आसानी से विभिन्न भागो तक नहीं पहुंच सकता है। यही कारण है कि बड़े पौधों में और वृक्षों में समुचित परिवहन तंत्र का होना अनिवार्य है।
33. उत्सर्जी उत्पाद से छुटकारा पाने के लिए पादप किन विधियों का उपयोग करते हैं?
उत्तर : उत्सर्जी उत्पाद से छुटकारा पाने के लिए पादप निम्नां विधियों का उपयोग करते हैं―
(i) उत्सर्जी पदार्थों को पत्तियों में जमा करना और पतझड़ के माध्यम से उनसे मुक्ति पाना।
(ii) अतिरिक्त भोजन तथा अन्य पदार्थों को फलों, फूलों तथा संग्रहकारी अंगों में जमा करना।
(iii) लैटेक्स,रेजिन, टैनिन एवं एल्केलॉयड को पुराने ऊतकों में जमा करना।
34. कुछ बहुकोशिकीय जीव तंत्रिकीय संचार के बजाय रासायनिक संचार का उपयोग क्यों करते हैं?
[JAC 2016 (A)]
उत्तर : कोशिकाएँ विद्युतीय आवेगों को लगातार उत्पन्न करने और भेजने में सक्षम नहीं होती हैं। जब किसी कोशिका द्वारा विद्युतीय संदेश भेजा जाता है तब कोशिका को अपनी व्यवस्था के परिवर्तन में कुछ समय लगता है। यही कारण है कि बहुकोशीकीय जीव रासायनिक संचार का भी उपयोग करते है।
35. मानव वृषण के क्या कार्य हैं? कोई दो कार्य लिखिए। [JAC 2019(A)]
उत्तर : (i) शुक्राणु का निर्माण करना।
(ii) टेस्टेस्टोरेन हार्मोन सावित करना।
36. श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने के सन्दर्भ में एक स्थलीय जीव जलीय जीव की अपेक्षा किस प्रकार अधिक लाभदायक स्थिति में होता है?
उत्तर : (i) स्थलीय जीव वातावरण से ऑक्सीजन लेते है तथा वातावरण में ऑक्सीजन की बहुलता रहती है। इसके विपरीत जलीय जीव जल में घुलित ऑक्सीजन का उपयोग करते है जिसकी मात्रा बहुत कम होती है।
(ii) स्थलीय जीवों में ऑक्सीजन का अवशोषण भिन्न-भिन्न अंगों द्वारा किया जाता है। इन सभी अंगों में सतही क्षेत्रफल को बढ़ाने की क्षमता होती है जो ऑक्सीजन के सम्पर्क में रहता है। अतः इन जीवों को धीमी गति से साँस लेना पड़ता है जबकि जलीय जीवों को तेजी से साँस लेना पड़ता है।
37. मनुष्य जैसे बहुकोशिकीय जीवों में ऑक्सीजन की आवश्यकता को पूरा करने में विसरण पर्याप्त नहीं है, क्यों?
उत्तर : मनुष्य जैसे बहुकोशिकीय जीवों का शरीर विशाल और जटिल होता है। उनके शरीर की सभी कोशिकाएँ वातावरण के संपर्क में नहीं रहती है। विसरण वातावरण के संपर्क में रहने वाली कुछ कोशिकाओं में ही हो सकता है। यही कारण है कि विसरण द्वारा इन जीवों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति संभव नहीं है।
5 अंक स्तरीय प्रश्न
1. एक पत्ती के अनुप्रस्थ काट का नामांकित चित्र बनाएँ।
उत्तर : एक पत्ती की अनुप्रस्थ काट―
2. एक खुला तथा बंद रंध्र का नामांकित चित्र बनाएँ।
उत्तर:
3. मानव पाचन तंत्र का नामांकित चित्र बनाएँ।
[JAC 2020(A)]
उत्तर : मानव पाचन तंत्र का नामांकित चित्र इस प्रकार है-
4. मनुष्य के श्वसन तंत्र का स्वच्छ नामांकित चित्र बनाएँ।
उत्तर : मानव के प्रमुख श्वसन अग के निम्नलिखित भाग है―
5. वक्काणु (नेफ्रॉन) का नामांकित चित्र बनाएँ।
उत्तर : वृक्काणु या नेफ्रॉन का नामांकित चित्र-
6. मानव के उत्सर्जन तंत्र का नामांकित चित्र बनाएँ।
उत्तर:
7.अमीबा में पोषण की प्रक्रिया को चित्र के साथ समझाइए।
JAC 2019(A)
उत्तर : अमीबा में पोषण―
(i) अमीबा अपनी सतह पर अंगुलियों जैसे अस्थायी प्रवर्ध बनाता है। इन्हें कूटपाद कहते है। कूटपाद भोजन को घेरकर एक खाद्य-धानी बनाता है और स्वयं गायब हो जाता है।
(ii) कोशिका द्रव्य में उपस्थित पाचक इन्जाइम रिक्तिका या खाद्य-धानी में प्रवेश करते हैं और भोजन को पचाते हैं। खाद्य-धानी कोशिका में भ्रमण करती रहती है और बचे हुए भोजन के कण विसरित होकर कोशिका द्रव्य में मिलते रहते हैं।
(iii) रिक्तिका घूमते-घूमते कोशिका की सतह से चिपककर फट जाती है। तब अनपचा भोजन कोशिका से बाहर निकल जाता है।
8. मानव हृदय के परिच्छेद दृश्य का नामांकित चित्र बनाएँ।
उत्तर:
9. मनुष्य में दोहरे रक्त संचरण की व्याख्या कीजिए तथा इसके महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
उत्तर : मानव-ह्रदय शरीर के सभी भागों से अशुद्ध (विऑक्सीजनित) रक्त को दो अग्र महाशिरा एवं एक पश्च महाशिरा द्वारा इकट्ठा कर दाएँ अलिंद में लाता है। फिर उस अशुद्ध रक्त को फुफ्फुस धमनी द्वारा फेफड़े में ऑक्सीकरण द्वारा शुद्ध करने हेतु भेज देता है. जहाँ से शुद्ध रक्त (ऑक्सीजनित) पुनः फुफ्फुस शिरा द्वारा बाएँ अलिंद में आता है, जिसे बाएँ निलय में भेज दिया जाता है। बायाँ निलय से शुद्ध रक्त महाधमनी द्वारा पूरे शरीर में परिसंचरण हेतु हृदय की पंप-क्रिया द्वारा भेजा जाता है।
इस प्रकार शरीर में रक्त परिवहन के एक चक्र को पूरा करने में रक्त को हृदय से होकर दो बार गुजरना पड़ता है, इसलिए मानव में इस प्रकार के रक्त परिवहन को द्विगुण परिसंचरण (double circulation) कहते हैं।
मानव में द्विगुण परिसंचरण का महत्त्वपूर्ण प्रभाव यह है कि इसके द्वारा मानव-नदय शुद्ध एवं अशुद्ध रक्त को आपस में मिश्रित होने से बचाने का कार्य करता है।
Science/ विज्ञान
👉My youtube channel Uttam bedia gps
✅ अन्य चैप्टर का क्वेश्चन आंसर देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें........!!!💞
👉 मानव नेत्र रंग बिरंगा 10th class
👉 3. विद्युत (electricity) 10th class
👉 रासायनिक अभिक्रियाएं एवं समीकरण (chemical reactions and equation)
👉 विद्युत धारा का चुंबकीय प्रभाव 10th class
👉 धातु और अधातु (metal and nonmetal )10th
👉 अम्ल, क्षारक एवं लवण (acid, base and salt) 10th
👉 कार्बन एवं उसके यौगिक (C and their compounds)
👉 तत्वों का वर्गीकरण (classification of element)
👉 जैव प्रक्रम (biological process)
👉 नियंत्रण एवं समन्वय (control and coordination)
👉 जीव जनन कैसे करते हैं (how do organisms reproduce)
👉 Work from home/part & full time age 18+
Not getting a job means that life has given you an opportunity to become a boss. Start where you are. Use what you have. Do what you can.|Believe you can and you're halfway there.|Do something today that your future self will thank you for." @2025uttam India Development.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें